An Unbiased View of shiv chalisa in hindi
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित Shiv chaisa वर प्राप्त होता हैं।